
Ganesh Chaturthi 2025 : गणपति बप्पा के आगमन की तिथि, महत्व और उत्सव |
Ganesh Chaturthi 2025 भारत त्योहारों का भूमि है। यहाँ रोज एक देवी-देवता के उत्सव का ही जश्न मनाया जाता है। इन्हीं त्योहारों में से एक बड़ा और भव्य त्योहार गणेश चतुर्थी है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। यह भगवान श्री गणेश के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकारी और बुद्धि का देवता के रूप में पूजा जाता है। इसे मनाने के प्रथम दिन गणपति की मूर्ति विशेष रूप से स्थापित की जाती है, उनकी पूजा की जाती है और 10 दिनों तक भक्ति भाव से उत्सव मनाए जाने के बाद गणेश विसर्जन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी 2025 कब है?
- गणेश चतुर्थी 2025 Date: 27 August 2025 (Tuesday)
- विसर्जन Date (अनंत चतुर्दशी): 5 September 2025 (Friday)
- इस दिन घरों, मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मोत्सव है। माना जाता है कि माता पार्वती ने स्नान के समय अपने शरीर की उबटन (गंध) से गणेश की रचना की और उन्हें अपने द्वार पर पहरेदार की तरह खड़ा कर दिया। जब भगवान शिव अंदर जाना चाहते थे, तो गणेश ने उन्हें रोक दिया। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने उनका सिर काट दिया।
भगवान शिव ने अपने एक हाथी का सिर लगाकर माता पार्वती के क्रोध को शांत किया और गणेश को जीवनदान दिया। इसलिए उन्हें “गजानन” के नाम से जाना जाने लगा। इसी घटना की याद में यह पर्व मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी सबसे पहले कहाँ और किसने मनाई थी?
गणेश चतुर्थी का सबसे पहला उल्लेख छत्रपति शिवाजी महाराज के दौर में ।
उन्होंने इसे राज्य और समाज को एकजुट करने के लिए एक सार्वजनिक उत्सव के रूप में आरम्भ किया था। ।
लेकिन सही व्यापक स्तर पर लोकप्रिय इस उत्सव को देने का श्रेय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को है। उन्होंने सहजीवन जागरण और अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम को मज़बूत करने के लिए 1893 में पुणे (महाराष्ट्र) से माघ शुद्ध चतुर्थी की दिनाङ्क पर सार्वजनिक रूप से गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की परंपरा आरंभ की थी।

गणेश चतुर्थी किन जगहों पर मनाई जाती है?
हालाँकि गणेश चतुर्थी पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन कुछ राज्यों और शहरों में इसका उत्सव देखने लायक होता है।
- महाराष्ट्र: सबसे भव्य आयोजन मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे में होते हैं।
- गोवा और कर्नाटक: यहाँ भी बड़े पैमाने पर पंडाल सजाए जाते हैं।
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: परिवार और समाज दोनों स्तरों पर पूजा की जाती है।
- उत्तर भारत: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी इसका महत्व बढ़ रहा है।
- विदेश: अमेरिका, कनाडा, दुबई और मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय भी गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं।
Ganesh Chaturthi 2025 का महत्व
- आध्यात्मिक महत्व: भगवान गणेश बुद्धि, विवेक और समृद्धि के देवता हैं। उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- सामाजिक महत्व: यह त्योहार समाज को एकता के सूत्र में पिरोता है। लोग पंडालों में मिलकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- सांस्कृतिक महत्व: यह त्योहार नृत्य, संगीत, भजन-कीर्तन और झांकियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है।
- राष्ट्रीय महत्व: यह त्योहार स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया।

Ganesh Chaturthi 2025 पूजा विधि
Ganesh Chaturthi 2025 पर भगवान गणेश की पूजा करने की एक विशेष विधि है।
पूजा सामग्री
- गणेश जी की मूर्ति (मिट्टी से बनी, शुभ मानी जाती है)
- लाल या पीले रंग का कपड़ा
- दूर्वा घास
- मोदक (गणेश जी का प्रिय भोग)
- नारियल, गुड़, लड्डू
- पान, सुपारी, इलायची
- कलश, दीप, धूप, रोली, अक्षत
पूजन विधि
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर या पंडाल में किसी स्वच्छ स्थान पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
- गणेश जी को लाल कपड़ा, फूल और दूर्वा अर्पित करें।
- गणेश जी को मोदक, लड्डू और नारियल का भोग लगाएँ.
- गणपति अथर्वशीर्ष, गणेश चालीसा और मंत्रों का पाठ करें।
- आरती करें और परिवार व मित्रों के साथ प्रसाद बाँटें।
- गणेश चतुर्थी कितने दिनों तक मनाई जाती है?
- गणेश चतुर्थी आमतौर पर 10 दिनों तक मनाई जाती है।
- पहला दिन: गणेश स्थापना और पूजा।
- दूसरे से नौवें दिन: प्रतिदिन भजन, कीर्तन, आरती, प्रसाद वितरण।
- दसवाँ दिन (अनंत चतुर्दशी): गणेश विसर्जन।
- विसर्जन के समय, “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारे गूंजते हैं।

गणेश विसर्जन का महत्व
गणेश विसर्जन दर्शाता है कि जीवन नश्वर है और जो आया है उसको एक दिन जाना ही होगा। मूर्ति को जल में विसर्जित करने से यह संदेश मिलता है कि भगवान गणेश हमारे जीवन की सभी बाधाओं को दूर करके कैलाश लौट जाते हैं।
Ganesh Chaturthi 2025 की विशेषता
- वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी मंगलवार को पड़ रही है।
- मंगलवार गणपति जी का विशेष प्रिय दिन मनाया जाता है।
- इस वर्ष की पूजा भक्तों को विशेष लाभ प्रदान करनेवाली होगी और मंगल दोष भी नाश करेगी।
Ganesh Chaturthi 2025 का आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव
- आर्थिक प्रभाव: यह त्यौहार लाखों लोगों को रोज़गार प्रदान करता है। मूर्ति बनानेवाले, पंडाल सज्जाकार, प्रकाश व्यवस्था, फूल विक्रेता, मिठाई विक्रेता आदि।
- सांस्कृतिक प्रभाव: लोक नृत्य, संगीत, भजन, झांकियाँ समाज की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं।
- धार्मिक प्रभाव: यह त्यौहार भक्ति, आस्था और विश्वास को दर्शाता है।
Ganesh Chaturthi 2025 से जुड़े रोचक तथ्य
- मोदक गणेश जी का सबसे प्रिय है, इसलिए हर प्रसाद में मोदक होता है।
- लालबाग के राजा और महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक गणपति की पूजा सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
- विदेशों में भी भारतीय समुदाय गणपति की स्थापना करके इस त्यौहार को भव्य रूप देते हैं।
निष्कर्ष
Ganesh Chaturthi 2025 न केवल एक धार्मिक त्यौहार है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार हमें एकता, भक्ति और आस्था का संदेश देता है।
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