Accidents wreak havoc in Araria

Accidents wreak havoc in Araria : 5 दिन में 7 की मौत, सड़क सुधार बना काल |

Introduction: Accidents wreak havoc in Araria

Accidents wreak havoc in Araria जिले में हाल ही में सुधरी तीन, दो और एक लेन की सड़कों की चमक ने देखी थी कि गति बढ़ेगी तो आर्थिक गतिशीलता भी बढ़ेगी। लेकिन इसके ठीक विपरीत वाहन चालकों ने गति पकड़ी और नियमों की अनदेखी की, जिससे 5 दिनों में 7 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश निर्दोष मोटरसाइकिल चालक थे।

incidents: 5 दिन, 7 deaths

दिनघटना
9 जूनमहलगांव थाना क्षेत्र – 2 बाइक सवार गिर कर मरे (livehindustan.com)
गुरुवार देर शामशंकरपुर मोड़ – ट्रेक्टर की टक्कर से बुजुर्ग की मौत
शुक्रवारसिमराहा-सैफगंज मार्ग – बुज़ुर्ग की मौत
शनिवार शामपोठिया ओवरब्रिज – तीन युवकों की मौत, बाइक वैन टक्कर
एक दिन पहलेचिकन बिरयानी संचालक समेत तीन की मौत ट्रक तेज़ रफ्तार से टक्कर में

इस प्रकार पाँच दिन के भीतर सात लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन युवकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत ने पूरे इलाके को चिंतित कर दिया।

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दिन / तारीखहादसे का स्थानसंक्षिप्त विवरणपीड़ितों की जानकारीमुख्य कारण / टिप्पणी
नौ जूनमहलगांव थाना क्षेत्रबाइक फिसलने से दो युवक की मौत, तीन घायल (tv9hindi.com, livehindustan.com)दो युवक, स्थानीय निवासीसड़क पर सूखी मक्की बिखरी थी, सावधानी की कमी
गुरुवार देर शामसिमराहा–सैफगंज मार्गट्रक की चपेट में 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौततिलाय मेहता, उम्र 75 वर्षतेज रफ्तार व अज्ञात वाहन
गुरुवार देर रातकुर्साकांटा-कपरफोड़ा मार्गट्रैक्टर की चपेट में युवक की मौतबैजू सिंह, 30 वर्षीयरात्रि में तेज रफ्तार
शनिवार दोपहरपोठिया ओवरब्रिज, NH‑327Eतेज रफ्तार पिकअप ने बाइक से टक्कर मारी, तीन युवकों की मौतबिरयानी व्यवसाय से जुड़े तीन युवक, दो पूर्णिया व एक यूपी निवासीफोरलेन पर स्पीड कंट्रोल की कमी, चालक फरार
पिछले 5 दिनों में कुलविभिन्न थाना/हाईवेकुल 5 दिनों में सात लोगों की जान गईज्यादातर बाइक सवार, युवा व बुजुर्ग भी शामिलसड़क चुनौतियाँ (तेज़ रफ्तार, गति नियंत्रण, संकेतों की कमी)

महत्वपूर्ण दुर्घटना घटनाएं

3 युवकों का बाइक बनाम पिकअप:

  पोटिया ओवरब्रिज पर उच्च वेग पिकअप ने बाइक को टक्कर मार दी- तीन युवकों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। ट्रक चालक भाग गया।

ट्रैक्टर ने वृद्ध को मारी टक्कर

  शंकरपुर मोड़ पर ट्रैक्टर ने 75 वर्षीय वृद्ध को पीछे से टक्कर मार दी- उनकी मौत हो गई।

बिरयानी व्यवसायी की दुखद मौत:

  स्नैक रिटर्निंग पर ट्रक/टेंपो की चपेट में आने से चिकन बिरयानी संचालक और दो सहायकों की मौत।

Accidents wreak havoc in Araria

Accidents wreak havoc in Araria सड़क की स्थिति: सवालों के घेरे में

 कोई स्पीड ब्रेकर नहीं, कोई गार्ड रेलिंग नहीं, एनएच के किनारे लिखी गति सीमा गायब थी।

 चार लेन पर विहीन नियंत्रण की तेज गति से चल रहे वाहन दौड़ थे।

 पुलिस गश्ती की कमी और रात में गश्त भी मौत का प्रमुख कारण रही।

Accidents wreak havoc in Araria स्थानीय प्रतिक्रिया: गुस्सा, दर्द और मांगें

 लोग बेहतर सड़कें होने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने का गुस्सा रखते हैं।

 ग्रामीण और व्यापारी का कहना है कि नियमों के बिना हर दिन कोई न कोई अपनी जान गंवा रहा है।

 मांग थी तेज गति से वाहन चलाने वालों पर लगाम लगाना, पुलिस गश्त बढ़ाना और स्पीड कैमरे लगाना।

प्रशासन और पुलिस के बीच वार्ता

 यातायात डीएसपी, थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और पोस्टमार्टम के आदेश दिए।

 ट्रक/वैन जब्त – चालक को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

 प्रशासन और पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन स्पीड ब्रेकर लगाने में देरी हो रही है।

Accidents wreak havoc in Araria

Accidents wreak havoc in Araria तकनीकी और संस्थागत सुझाव

 स्पीड ब्रेकर और कैमरे लगाना अनिवार्य

 नो-गार्ड रेलिंग का निर्माण जल्द से जल्द करें

 पुलिस गश्त बढ़ाएँ, रात भी समन्वय बनाए रखें

 जागरूकता अभियान शुरू करें – बिना हेलमेट के बाइक चलाने के लिए विशेष ध्यान दें।

अन्य राज्यों का माहौल

 बिहार में 3000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर होती हैं, यहाँ प्रभावी सुरक्षा ढाँचे का अभाव है।

 हेलमेट न पहनने पर बाइक सवारों को सबसे ज्यादा खतरा होता है।

Accidents wreak havoc in Araria

आज्ञाता राह: सतर्कता ही बचाएगी

 राज्य और केंद्र को संयुक्त सुरक्षा अभियान शुरू करना चाहिए

 एनएचएआई, आरआरडी, पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए-सड़कों की मजबूती की जांच करनी चाहिए

 वाहनों की तेज रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए जाने चाहिए

निष्कर्ष

Accidents wreak havoc in Araria की चमकती सड़कों की चमक में आंधरा छा गया है-जहां रफ्तार की जबड़े मासूमों की जान ले गई। सुधार तब संभव है जब नियम, नियंत्रण, संवेदनशीलता और समय पर निगरानी हो। जीवन बचाना ही मानवता की रक्षा है।

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